Saturday, April 16, 2011

MAN KA PANCHHI (DEVNAGARI)

हमारा दिल अपने घर परिवार समाज और देश के लिए धड़कता है . देश काल और परिस्थितियों से प्रभावित होकर ; दिल में दया , करूणा , मैत्री , प्रेम , इर्ष्या, क्रोध , नफरत , द्वेष आदि मनोभाव ; दिल में पल -पल आते -जाते रहते हैं . मन की गति असीमित है ; वह एक क्षण में करोड़ों मील चला जाता है .किन्तु वह देखता तो सही है
- मन से कोई बात छुपे न मन के नैन हज़ार !!

मन की चंचलता निश्चय में बाधा उत्पन्न करती है . दृढ निश्चय के लिए बुद्धि सहायता देती है . बुद्धि से निश्चित किये गए निर्णय को लागु करने के लिए विवेक का सहारा लेना पड़ता है ; जो अपने पराये से ऊपर है . कहना जितना आसान   है ; करना उतना ही मुश्किल . फिर भी हम कुछ प्रयास तो करें . शायद पहले की कुछ गलतियों को सुधार  लें !!
जय**हिंद
ASHOK; Apny-Khunja; Hanumangrh Junction LOCATION at globe :- 29.6095N 74.2690E

1 comment:

Ashok Kumar said...

THIS BLOG WAS PUBLISHED IN ROMAN SCRIPT, ON SATURDAY 15th of JANUARY, 2011,